Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों पर पहाड़ों में हो रही भारी बारिश का असर साफ दिखाई दे रहा है। प्रदेश की अधिकतर नदियां उफान पर हैं या फिर खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं। इस कारण सैकड़ों गांवों में पानी भर गया है, जिससे जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है।
जिलों की स्थिति
राहत आयुक्त जी. एस. नवीन कुमार के अनुसार, उत्तर प्रदेश के 12 जिले – पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, बलरामपुर, कुशीनगर, बस्ती, शाहजहांपुर, बाराबंकी, सीतापुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर और बलिया के 633 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।
जान-माल का नुकसान
राहत आयुक्त ने बताया कि पिछले 24 घंटों में आकाशीय बिजली गिरने से 16 लोगों की जान चली गई। इसके अलावा, बाढ़ के पानी में डूबने से दो और सर्पदंश से एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है।
नदियों का जलस्तर
प्रदेश की कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। शारदा, राप्ती, घाघरा, बूढ़ी राप्ती और क्वानो नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
राहत और बचाव कार्य
राहत आयुक्त ने बताया कि प्रदेश में अब तक 718 बाढ़ शरणालय, 923 बाढ़ चौकियां और 501 मेडिकल टीम गठित और स्थापित की गई हैं। प्रभावित जिलों में राहत एवं बचाव के लिए एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) और पीएसी (प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी) की तीन-तीन और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की एक टीम तैनात की गई है।
प्रशासन की तैयारियां
नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। जिन इलाकों में पानी भर गया है, वहां नावों का इंतज़ाम किया गया है और गोताखोर तैनात किए गए हैं। बाढ़ पीड़ितों को राशन और दवाइयां वितरित की जा रही हैं। प्रशासन ने कहा है कि स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है और सभी आवश्यक तैयारियां की गई हैं।