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कोरबा में एसईसीएल खदान में हादसा: बचाव कार्य जारी, सुरक्षा प्रबंधों पर सवाल..

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में लगातार हो रही भारी बारिश ने एसईसीएल की खुली कोयला खदान में जलभराव की स्थिति उत्पन्न कर दी है। यही कारण बना सीनियर अंडर मैनेजर जितेंद्र नागरकर के बह जाने का। विशेषज्ञों का मानना है कि मॉनसून के दौरान खदानों में जलनिकासी की उचित व्यवस्था न होने से ऐसे हादसे हो सकते हैं।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया

एसईसीएल के उच्च अधिकारियों ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि नागरकर एक समर्पित अधिकारी थे और उनके लापता होने से पूरे संगठन में शोक की लहर है। अधिकारियों ने तत्काल राहत और बचाव कार्य के निर्देश दिए हैं और इस घटना की विस्तृत जांच कराने की बात कही है।

स्थानीय प्रशासन और बचाव दल की तत्परता

स्थानीय प्रशासन ने घटनास्थल पर तुरंत बचाव दल को भेजा और अधिकारी की तलाश में जुट गए। कोरबा पुलिस और बचाव दल की टीमों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में अपना सहयोग दे रहे हैं। प्रशासन ने इस कठिन परिस्थिति में जनता से सहयोग की अपील की है।

सुरक्षा प्रबंधों पर उठे सवाल

यह घटना खदानों में सुरक्षा प्रबंधों की कमी को उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून के मौसम में खदानों में जलनिकासी और अन्य सुरक्षा प्रबंधों की विशेष देखरेख की जानी चाहिए। एसईसीएल को इस घटना से सबक लेकर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।

मानसून के दौरान खदान सुरक्षा की आवश्यकता

मॉनसून के मौसम में खदानों में जलभराव और भूस्खलन जैसी घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए खदान संचालकों को पहले से ही तैयार रहना चाहिए और उचित सुरक्षा उपाय करने चाहिए। खदानों में जलनिकासी के प्रबंध, नियमित निरीक्षण और आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयारियां बेहद जरूरी हैं।

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