You are currently viewing नेपाल के प्रधानमंत्री ओली का विवादित दावा: सात दिन में फिर उठाया पुराना मुद्दा

नेपाल के प्रधानमंत्री ओली का विवादित दावा: सात दिन में फिर उठाया पुराना मुद्दा

Nepal PM KP Sharma Oli : नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सत्ता संभालने के सात दिन बाद ही फिर से विवादित बयान दिया है। 15 जुलाई को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद ओली ने भारतीय क्षेत्र लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख समेत महाकाली नदी के पूर्व के इलाके को नेपाल का हिस्सा बताया है।

विवाद की शुरुआत

यह विवादित क्षेत्र पहले से ही भारत और नेपाल के बीच तनाव का कारण रहा है। ओली का यह दावा उनके पिछले कार्यकाल के दौरान उठाए गए विवादित मुद्दों की याद दिलाता है, जब उन्होंने नेपाल के नए राजनीतिक मानचित्र में इन इलाकों को शामिल किया था।

राजनीतिक पृष्ठभूमि

  • लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख**: यह इलाके भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद के कारण संवेदनशील रहे हैं।
  • महाकाली नदी: ओली ने महाकाली नदी के पूर्व के इलाके पर नेपाल का दावा ठोका है। ओली के बयान का असर

ओली के इस बयान से भारत और नेपाल के संबंधों में फिर से तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार भारत की सरकार ओली के इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देती है और दोनों देशों के बीच के संबंधों पर इसका क्या असर पड़ता है।

ऐतिहासिक विवाद

यह क्षेत्र 1816 की सुगौली संधि के बाद से ही विवादित रहा है। नेपाल का दावा है कि ये इलाके उसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक हिस्से हैं, जबकि भारत का कहना है कि यह क्षेत्र उसके प्रशासन के अधीन है।

भारत की प्रतिक्रिया यह देखना होगा महत्वपूर्ण

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का यह बयान उनके पिछले कार्यकाल की नीतियों को जारी रखने का संकेत देता है। इससे दोनों देशों के बीच के पहले से ही संवेदनशील संबंधों में और अधिक तनाव पैदा होने की संभावना है।

भारत की प्रतिक्रिया यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भारत की सरकार ओली के इस दावे पर कैसे प्रतिक्रिया देती है और किस प्रकार की कूटनीतिक चालें चलती हैं।

Spread the love

Leave a Reply