Wayanad landslide: मंगलवार को वायनाड जिले में भारी बारिश के कारण बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन ने क्षेत्र को हिला कर रख दिया। इस विनाशकारी घटना में चार गांव पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। कम से कम 123 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग जख्मी हुए हैं। अभी भी काफी संख्या में लोगों के मलबे में फंसे होने का अंदेशा है।
बचाव कार्य
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंच कर बचाव कार्य में जुटे हैं। भारी मलबा हटाने के लिए आधुनिक मशीनरी और उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। स्थानीय लोगों और स्वयंसेवकों ने भी बचाव कार्य में अपना सहयोग दिया है।
राहत और पुनर्वास
राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता और मुआवजे का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और प्रभावित लोगों से मुलाकात की। राहत शिविरों में लोगों को खाने-पीने और स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
मौसम की चेतावनी
मौसम विभाग ने आगामी दिनों में और भी भारी बारिश की चेतावनी दी है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और नदी या पहाड़ी क्षेत्रों से दूर रहें। स्थानीय स्कूलों और कॉलेजों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है।
लोगों की प्रतिक्रिया
वायनाड के निवासियों में इस घटना के बाद भय और चिंता का माहौल है। कई परिवार अपने खोए हुए सदस्यों की खोज में लगे हुए हैं। स्थानीय निवासी राजेश ने कहा, “हमने ऐसा विनाश पहले कभी नहीं देखा। हमारा गांव पूरी तरह से तबाह हो चुका है।”
सहायता की अपील
सरकार और विभिन्न संगठनों ने आम जनता से अपील की है कि वे इस मुश्किल समय में प्रभावित लोगों की मदद के लिए आगे आएं। राहत कार्यों के लिए दान और स्वयंसेवकों की आवश्यकता है।
इस प्राकृतिक आपदा ने वायनाड को गहरे सदमे में डाल दिया है। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन पूरी तरह से राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं, लेकिन इस संकट से उबरने में काफी समय और प्रयास लगेगा। इस कठिन समय में, सभी का सहयोग और सहानुभूति आवश्यक है।