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होलीका दहन क्यों मनाया जाता है? जानिए इसका महत्व, पौराणिक कथा और शुभ मुहूर्त

होली का त्योहार रंगों और खुशियों से भरा होता है, लेकिन होली से एक दिन पहले ‘होलीका दहन’ मनाने की परंपरा सदियों पुरानी है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन लोग अग्नि प्रज्वलित कर नकारात्मकता को दूर करने और नई ऊर्जा का स्वागत करने के लिए पूजा-अर्चना करते हैं।

होलीका दहन का पौराणिक महत्व

होलीका दहन की परंपरा का संबंध भगवान विष्णु, भक्त प्रह्लाद और होलिका से जुड़ी कथा से है।

🔹 हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद की कथा
असुर राजा हिरण्यकश्यप को भगवान विष्णु से घृणा थी, लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद विष्णु भक्त था। यह बात हिरण्यकश्यप को सहन नहीं थी, इसलिए उसने अपने बेटे को मारने के कई प्रयास किए, लेकिन हर बार भगवान विष्णु ने प्रह्लाद की रक्षा की।

🔹 होलिका का छल
हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को वरदान था कि अग्नि उसे जला नहीं सकती। उसने प्रह्लाद को गोद में बैठाकर अग्नि में प्रवेश किया ताकि प्रह्लाद को जलाकर मार सके। लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से होलिका स्वयं जलकर भस्म हो गई और प्रह्लाद सुरक्षित बाहर आ गया

🕉️ इसलिए होलीका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है

होलीका दहन का शुभ मुहूर्त 2025

इस साल होलीका दहन कब और किस समय करना शुभ रहेगा?

📅 तिथि: 13 मार्च 2025
🕖 शुभ मुहूर्त: शाम 06:25 PM से रात 08:55 PM तक
🌕 पूर्णिमा तिथि आरंभ: 13 मार्च 2025 को सुबह 10:15 AM
🌕 पूर्णिमा तिथि समाप्त: 14 मार्च 2025 को सुबह 08:30 AM

📌 नोट: होलीका दहन हमेशा भद्रा काल समाप्त होने के बाद ही करना चाहिए, अन्यथा यह अशुभ माना जाता है।

होलीका दहन की विधि और पूजा सामग्री

🙏 होलीका दहन से पहले ये सामग्री तैयार रखें:
✔️ गोबर से बनी होलीका और प्रह्लाद की मूर्तियां
✔️ लकड़ी और उपले
✔️ रोली, मौली, फूल और अक्षत
✔️ नारियल और कच्चा सूत
✔️ नई फसल (गेंहू की बालियां और चने)
✔️ जल और पंचामृत

🔥 होलीका दहन की विधि:
1️⃣ पहले स्नान करके शुद्ध हो जाएं और पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठें।
2️⃣ होली के चारों ओर कच्चा सूत लपेटें और गंगाजल छिड़कें।
3️⃣ नारियल, फूल, रोली, अक्षत और नई फसल अर्पित करें।
4️⃣ परिवार सहित होली पर परिक्रमा करें और अपनी सभी परेशानियों के नाश की प्रार्थना करें।
5️⃣ अंत में होली जलाकर उसमें नई फसल अर्पित करें और बुराई को जलाने का संकल्प लें।

होलीका दहन का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक महत्व

🛑 वैज्ञानिक दृष्टि से – इस समय मौसम परिवर्तन होता है, जिससे कई प्रकार के बैक्टीरिया और रोगाणु फैलते हैं। होली का अग्नि दहन वातावरण को शुद्ध करता है और हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करता है।

🕉️ आध्यात्मिक दृष्टि से – यह अनुष्ठान नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मकता का संचार करता है।


निष्कर्ष

होलीका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत, सकारात्मक ऊर्जा और आपसी प्रेम का पर्व है। यह त्योहार न केवल धार्मिक रूप से बल्कि वैज्ञानिक और सामाजिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण है।

🎨 तो इस होली, सभी बुरी आदतों और नकारात्मकता को होली की अग्नि में जलाएं और जीवन में नए रंग भरें!

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