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नोएडा में किड़नी का काला धंधा, ऐसे गरीबों को फांसते थे दलाल…

NOida News: UP के नोएडा से एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल नोएडा में किडनी गिरोह का पता चला है। किडनी रिप्लेसमेंट मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है।इसके अलावा नोएडा के दो बड़े अस्पतालों यथार्थ हॉस्पिटल और अपोलो अस्पताल का नाम सामने आया है। दिल्ली के एक बड़े प्रतिष्ठित अस्पताल में केवल टेस्ट और जांच होती थी।वहीं जांच में सामने आया है कि गिरोह बांग्लादेश में काफी ज्यादा सक्रिय था। वे वहां से गरीबों को नौकरी दिलाने के नाम पर दिल्ली लाते थे। पासपोर्ट जब्त कर उन्हें किडनी डोनेट करने को मजबूर करते थे। नौकरी और पैसे का लालच देकर उन्हें किडनी बेचने का मजबूर किया जाता था।

डॉ. डी विजय कुमारी का नाम शामिल..

पुलिस के मुताबिक यह रैकेट में बांग्लादेश के मरीजों को बिचौलियों के एक नेटवर्क, डॉ. विजया कुमारी और उनके सहयोगियों द्वारा एनसीआर के नामी अस्पतालों में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए लालच दिया जाता था। जिसके बाद से इन नामी अस्पतालों की भी जांच की जा रही है। दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम इन अस्पतालों की बारी-बारी से जांच कर रही है। सूत्रों के मुताबिक कुछ अस्पतालों से इस रैकेट का लिंक मिलने का सुराग मिला है। लेकिन पुलिस पुख्ता सुबूत हाथ लगने के बाद ही इन अस्पतालों पर हाथ डालेगी।

ऐसे खेल चलता था

4.5 लाख टका गिरोह के सदस्य किडनी देने वाले को देते थे।20 से 22 लाख प्राप्तकर्ता से लेते थे।4 लाख डॉ. डी विजया कुमारी की पूरी टीम को मिलते थे।1 लाख डॉ. डी विजया कुमारी अपने हिस्से के रूप में लेती थी।4 लाख उस अस्पताल को दिए जाते थे जिनमें किडनी बदली जाती थी।10 लाख गिरोह के लोग अपने पास रख लेते थे।

नोएडा में शुरू हुई हलचल

आपको बता दें कि दिल्ली-एनसीआर से बांग्लादेश तक फैले किडनी ट्रांसप्लांट गिरोह की चर्चा अब नोएडा में शुरू हो गई है। जिन दो अस्पतालों के नाम इस गिरोह के साथ जुड़ रहे हैं। उनकी जांच क्राइम ब्यूरो और नोएडा पुलिस की ओर से शुरू हो गई है। पुलिस आरोपियों को पकड़ने के बाद गिरोह के अन्य सदस्यों तक भी पहुंचने की कोशिश कर रही है।

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