Delhi Coaching Center: दिल्ली के राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में पानी भरने के कारण तीन छात्रों की मौत हो जाने से नाराज छात्रों ने पूरे दिन प्रदर्शन किया। छात्र-छात्राएं दिल्ली की शिक्षा और पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी और महापौर शैली ओबेराय को बुलाने की मांग पर अड़े रहे। प्रदर्शन की शुरुआत ओल्ड राजेंद्र नगर के सतपाल भाटिया मार्ग पर हुई।
एमसीडी हाय-हाय के नारे और पूसा रोड जाम
जब छात्रों की मांग पर कोई मंत्री नहीं पहुंचे, तो आक्रोशित छात्रों ने करोल बाग मेट्रो स्टेशन के नीचे पूसा रोड को जाम कर दिया। इस प्रदर्शन में दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के भी कई छात्र शामिल हुए। “न्याय चाहिए”, “छात्रों का जीवन मैटर करता है”, “यह हादसा नहीं हत्या है” और “एमसीडी हाय-हाय” जैसे नारों के साथ छात्र अपने गुस्से का इजहार कर रहे थे। देर शाम पुलिस ने उन्हें समझा बुझाकर पूसा रोड से हटाया, लेकिन कुछ छात्र फिर भी सड़क जाम करने की कोशिश करते रहे, जिन्हें हिरासत में लिया गया और बाद में छोड़ दिया गया। इसके बाद छात्र फिर से सतपाल भाटिया मार्ग पर जम गए।
छात्रों की मांगें
- उच्चस्तरीय जांच: छात्रों का कहना है कि इस घटना की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
- सुरक्षा प्रबंध: छात्रों की मांग है कि कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध किए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सकें।
- सरकारी हस्तक्षेप: छात्रों ने शिक्षा और पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी और महापौर शैली ओबेराय को मौके पर बुलाने की मांग की, ताकि वे स्थिति का जायजा ले सकें और त्वरित कार्रवाई कर सकें।
प्रदर्शन का प्रभाव
इस घटना ने दिल्ली में छात्रों की सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्रों के इस प्रदर्शन ने प्रशासन को भी सक्रिय कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद छात्र अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। प्रशासन को अब छात्रों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाने होंगे ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
छात्रों का आक्रोश और प्रशासन की जिम्मेदारी
इस घटना ने छात्रों में भय और आक्रोश पैदा कर दिया है। छात्रों का कहना है कि अगर प्रशासन समय रहते उचित कदम उठाता, तो यह दुखद घटना टाली जा सकती थी। अब प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और दोषियों को सजा दिलवाए।
यह घटना दिल्ली के छात्रों के जीवन में एक काला अध्याय जोड़ती है। प्रशासन को अब छात्रों की सुरक्षा को लेकर गंभीरता से विचार करना होगा और उचित कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सकें। छात्रों की मांगों पर ध्यान देना और त्वरित कार्रवाई करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।