8 अक्टूबर 2024 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अवसर पर फिल्मी दुनिया के दिग्गज कलाकारों को सम्मानित किया। इस विशेष आयोजन में मिथुन चक्रवर्ती को भारतीय सिनेमा में उनके दशकों लंबे योगदान के लिए प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
मिथुन चक्रवर्ती को मिला सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान
मिथुन चक्रवर्ती, जिन्होंने अपने करियर में अनेकों सुपरहिट फिल्मों और किरदारों से दर्शकों का दिल जीता है, को इस मौके पर भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान, दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया। उनके इस सम्मान ने उनके करियर की बुलंदियों और उनके योगदान को और भी ज्यादा गौरवमयी बना दिया। दर्शक और सिनेमा जगत के लोग इस सम्मान को मिथुन के करियर का स्वाभाविक और योग्य समापन मान रहे हैं।
ऋषभ शेट्टी और मानसी पारेख को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता-अभिनेत्री का सम्मान
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस मौके पर ‘कांतारा’ के लिए ऋषभ शेट्टी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया, जिन्होंने अपने बेहतरीन अभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया। वहीं, ‘कच्छ एक्सप्रेस’ के लिए मानसी पारेख और ‘थिरुचित्राम्बलम’ के लिए नित्या मेनन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया।
जब मानसी पारेख मंच पर अपने पुरस्कार को लेने पहुंचीं, तो वह भावनाओं में बह गईं और अपने आंसू रोक नहीं पाईं। खचाखच भरे हॉल के सामने खड़ी होकर वह भावुक हो उठीं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें सांत्वना देते हुए उनके कंधे पर हाथ रखा और ढांढस बंधाया। इस दिल छू लेने वाले पल का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
‘कच्छ एक्सप्रेस’ के लिए मानसी पारेख की बड़ी जीत
6 जनवरी 2022 को रिलीज हुई ‘कच्छ एक्सप्रेस’ मानसी पारेख के लिए एक खास फिल्म साबित हुई। न सिर्फ उन्होंने इस फिल्म में लीड रोल निभाया, बल्कि वह इस फिल्म की प्रोड्यूसर भी थीं। इस फिल्म में रत्ना पाठक शाह और दर्शील सफारी जैसे अनुभवी कलाकारों ने भी अपने अभिनय से जान डाली।
फिल्म की कहानी एक महिला के जीवन में आने वाले संघर्षों और उसके सशक्तिकरण के सफर पर आधारित है। पति की बेवफाई का पता चलने के बाद उस महिला के आत्मविश्वास और दृढ़ता को दर्शाती यह फिल्म दर्शकों को गहराई से प्रभावित करती है। मानसी पारेख की इस फिल्म ने उनके सशक्त किरदार और निर्देशन दोनों की खूब सराहना बटोरी।
इस मौके पर मानसी का भावुक होना उनके सिनेमा और कला के प्रति समर्पण का प्रतीक है, और यह भी दर्शाता है कि एक कलाकार के लिए पुरस्कार का महत्व सिर्फ पेशेवर नहीं, बल्कि व्यक्तिगत भी होता है।