Amit Shah at Mahakumbh:प्रयागराज। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाकुंभ 2025 के दौरान पवित्र त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ मौजूद थे। अमित शाह ने महाकुंभ के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे सनातन संस्कृति का अद्वितीय प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन हमारी एकता, अखंडता और समरसता को दर्शाता है और सनातन जीवन-दर्शन का जीवंत प्रमाण है।
महाकुंभ और सनातन संस्कृति का गहरा संबंध
अमित शाह ने महाकुंभ के महत्व को स्पष्ट करते हुए कहा, “महाकुंभ सनातन संस्कृति की अविरल धारा का प्रतीक है।” उन्होंने इसे हमारे जीवन के मूल्यों और धरोहर को मान्यता देने वाला एक विशेष आयोजन बताया, जो समाज में एकता और समरसता की भावना को प्रगट करता है। शाह ने आगे कहा कि इस धार्मिक आयोजन का अनुभव न केवल हमारे सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का है, बल्कि यह हमारी परंपराओं को जीवित रखने का भी एक जरिया है। यह अवसर धर्म नगरी प्रयागराज में शांति और एकता की भावना को मजबूत करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
साधु-संतों से मुलाकात और संगम स्नान
महाकुंभ में स्नान करने से पहले अमित शाह ने संगम नगरी में पहुंचे कई प्रमुख साधु-संतों से मुलाकात की। उन्होंने शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज, गोविंद गिरी महाराज और शरणानंद जी महराज जैसे महान संतों से आशीर्वाद लिया। इस दौरान शाह ने कहा कि महाकुंभ की भूमि पर संतों से मिलकर और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना उनके लिए गर्व की बात है। इसके बाद, केंद्रीय मंत्री अमित शाह त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाने पहुंचे और इस धार्मिक अनुभव का हिस्सा बने। संगम स्नान के बाद, शाह ने जगन्नाथ ट्रस्ट शिविर में साधु-संतों के साथ जलपान भी किया।
सुरक्षा और प्रशासनिक इंतजाम
महाकुंभ के आयोजन में सुरक्षा और व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। संगम स्नान के दिन, प्रशासन ने सभी घाटों पर नावों का संचालन रोक दिया और पांटून पुलों को बंद कर दिया था। केवल प्रशासनिक वाहनों के लिए कुछ पुलों को खोला गया था, जबकि श्रद्धालुओं के लिए पांटून पुल नंबर 13 को खोला गया था, ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए हैं।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 26 जनवरी तक, 13.21 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई थी। विशेष रूप से 26 जनवरी को 1.74 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में स्नान करने पहुंचे थे। महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु कल्पवास भी कर रहे हैं, और इस दौरान बड़ी संख्या में संत-महात्मा भी स्नान कर चुके हैं।
महाकुंभ 2025 का सांस्कृतिक महत्व
महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का महत्वपूर्ण प्रतीक भी है। इसमें भाग लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह एक जीवनभर की आस्था का अनुभव होता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर महाकुंभ की महत्ता को महसूस किया और इसे सनातन संस्कृति की एक महत्वपूर्ण धरोहर के रूप में स्वीकार किया। महाकुंभ 2025 में उनकी सहभागिता ने इस आयोजन के सांस्कृतिक महत्व को और भी बढ़ा दिया है।