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प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ आलोचकों पर साधा हमला.. गुलामी की मानसिकता में फंसे लोग

PM Modi on Mahakumbh Mela: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के छतरपुर में आयोजित सभा के दौरान महाकुंभ मेले की आलोचना करने वाले नेताओं और उनके समर्थकों पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि कुछ नेता धार्मिक आयोजनों का मजाक उड़ा रहे हैं, और विदेशी ताकतें इनका समर्थन करके देश और धर्म को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं। मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि हिंदू धर्म के खिलाफ हमेशा से ऐसे लोग रहे हैं, जो समाज को बांटने और विभाजित करने की कोशिश करते हैं।

हिंदू धर्म पर हमले का पुराना इतिहास

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में यह भी स्पष्ट किया कि हिंदू धर्म पर हमले करने वाले लोग सदियों से मौजूद रहे हैं। उनका उद्देश्य हमेशा समाज को तोड़ना और विभाजित करना ही रहा है। मोदी ने कहा, “गुलामी की मानसिकता में फंसे हुए लोग हमारी आस्था, विश्वास और मंदिरों पर हमला करते रहते हैं। वे हमारे धर्म, संस्कृति और सिद्धांतों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।” उनका कहना था कि यह लोग केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में धर्म के नाम पर भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।

विदेशी ताकतों द्वारा समर्थन की बात

प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ के आलोचकों पर हमला करते हुए यह भी कहा कि कई बार विदेशी ताकतें इन लोगों का समर्थन करती हैं। उनका उद्देश्य भारत और भारतीय संस्कृति को कमजोर करना है। मोदी ने कहा, “आजकल हम देखते हैं कि कुछ नेता धर्म का मजाक उड़ा रहे हैं और इन विदेशी ताकतों का समर्थन पाकर वे हमारे समाज और संस्कृति को तोड़ने का काम कर रहे हैं।” मोदी का यह बयान विदेशी ताकतों द्वारा धर्म विरोधी गतिविधियों के समर्थन पर प्रतिक्रिया के रूप में आया, और उन्होंने इसे देश के लिए खतरनाक बताया।

महाकुंभ का महत्व और आलोचनाओं के खिलाफ पीएम मोदी का रुख

प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान महाकुंभ के महत्व और उसके आलोचकों के बीच चल रही बहस के बीच आया। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों का महत्व भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक हैं, और उन्हें लेकर इस तरह की आलोचनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मोदी ने कहा कि महाकुंभ भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का केंद्र है, जो लाखों श्रद्धालुओं को एकत्र कर देश और धर्म की एकता को प्रगाढ़ बनाता है।

देश की एकता और धार्मिक विविधता पर जोर

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि भारतीय संस्कृति और धर्म की ताकत दुनिया में सबसे बड़ी है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ जैसे आयोजन न केवल भारत के धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहलुओं को उजागर करते हैं, बल्कि यह देश की एकता और अखंडता को भी मजबूत करते हैं। मोदी ने यह भी कहा कि भारत में विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों का संगम है, और यही देश की विशेषता है।

समाज के एकजुट होने की अपील

प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से अपील की कि वे इस प्रकार की आलोचनाओं से बचें और भारतीय संस्कृति और धर्म का सम्मान करें। उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ और अन्य धार्मिक आयोजनों को लेकर समाज में एकता बनाए रखनी चाहिए और उन आलोचकों का विरोध करना चाहिए, जो समाज को बांटने का काम करते हैं।

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