India Forex Reserve: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार हाल के महीनों में लगातार गिरावट का सामना कर रहा है। 28 फरवरी को समाप्त हुए हफ्ते में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 1.781 बिलियन डॉलर की कमी आई है, जिसके बाद अब यह 638.698 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, यह गिरावट पिछले कुछ महीनों से चल रही उतार-चढ़ाव की स्थिति का हिस्सा है। इस गिरावट के बावजूद, विदेशी मुद्रा भंडार अभी भी देश के इम्पोर्ट्स को कवर करने के लिए पर्याप्त मानी जा रही है, लेकिन यह आर्थिक स्थिति के लिए चिंताजनक संकेत हो सकता है।
11 महीने में सबसे बड़ी गिरावट का सामना
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कुछ महीनों से लगातार घट रहा है, और अब यह 11 महीने के निचले स्तर पर पहुंच चुका है। सितंबर 2022 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 704.89 बिलियन डॉलर तक पहुंचा था, जो कि एक रिकॉर्ड था। अब यह आंकड़ा 10% से ज्यादा गिर चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रुपये की स्थिरता बनाए रखने के लिए किए गए हस्तक्षेप के कारण हुई है। रुपये की अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिरावट के चलते, आरबीआई को विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग करके रुपये को स्थिर करने की कोशिश करनी पड़ी है।
भारतीय रिजर्व बैंक का हस्तक्षेप और रुपये की स्थिरता
जब भी रुपये की विनिमय दर में गिरावट आती है, तो भारतीय रिजर्व बैंक मार्केट में डॉलर बेचकर रुपये को स्थिर करने का प्रयास करता है। इसे “बफरिंग” कहा जाता है, जिसमें रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल कर रुपये की क़ीमत को स्थिर करने का प्रयास करता है। इस प्रक्रिया के कारण, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार घट रहा है, लेकिन यह कदम जरूरी होता है ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था पर दबाव न पड़े और रुपये की कीमत नियंत्रित रहे।
वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाएं
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 28 फरवरी को समाप्त हुए हफ्ते में, भारत की विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (FCA) 543.350 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुकी थीं, जबकि गोल्ड रिजर्व 73.272 बिलियन डॉलर थे। इस स्थिति में, अनुमानित आंकड़ों के अनुसार, भारत के पास मौजूद विदेशी मुद्रा भंडार से आने वाले 10-11 महीने तक इम्पोर्ट्स को कवर किया जा सकता है।2023 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 58 बिलियन डॉलर बढ़ा था, जबकि 2022 में इसमें 71 बिलियन डॉलर की कमी आई थी। 2024 में अब तक भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 20 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई है। इस तरह के उतार-चढ़ाव के बावजूद, विशेषज्ञों का कहना है कि देश की आर्थिक स्थिति को सही दिशा में बनाए रखने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार को ध्यान में रखते हुए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं।