UP Board: उत्तर प्रदेश बोर्ड (यूपी बोर्ड) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत 2025 की हाईस्कूल और इंटर परीक्षा के लिए भेजे गए रिजर्व प्रश्नपत्र अब 2026 की प्री-बोर्ड परीक्षा में उपयोग किए जाएंगे। इस फैसले से ना केवल छात्रों को असली परीक्षा जैसा अनुभव मिलेगा, बल्कि लाखों रुपये खर्च कर छपे प्रश्नपत्रों का पुनः सदुपयोग भी किया जाएगा। यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने शासन को इस प्रस्ताव से संबंधित एक पत्र भेजा है, जिसमें इस योजना को लागू करने की सिफारिश की गई है।
रिजर्व प्रश्नपत्रों का पुनः उपयोग: एक कदम पर्यावरण और वित्तीय बचत की ओर
यह कदम यूपी बोर्ड के लिए न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी यह एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है। प्रत्येक वर्ष परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र तैयार करने की प्रक्रिया में भारी खर्च होता है, जिसे इस पुनः उपयोग से बचाया जा सकता है। अब, 2025 के रिजर्व प्रश्नपत्रों को 2026 में आयोजित होने वाली प्री-बोर्ड परीक्षा में इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे न केवल पैसों की बचत होगी, बल्कि पर्यावरण पर भी कम दबाव पड़ेगा क्योंकि हर साल नए प्रश्नपत्र छापने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
छात्रों के लिए नया अवसर
इस फैसले से छात्रों को भी एक महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा। 2026 की प्री-बोर्ड परीक्षा के लिए जिन प्रश्नपत्रों का चयन किया जाएगा, वे बिल्कुल वास्तविक परीक्षा जैसे होंगे। इससे छात्रों को परीक्षा के वास्तविक माहौल का अनुभव मिल सकेगा और वे अपनी तैयारी को और अधिक प्रभावी तरीके से कर सकेंगे। प्री-बोर्ड परीक्षा का उद्देश्य छात्रों को बोर्ड परीक्षा से पहले वास्तविक परीक्षा की तैयारी कराना होता है, और इस बार पुराने प्रश्नपत्रों के उपयोग से यह तैयारी और भी सटीक होगी।
जनवरी 2026 में प्रस्तावित प्री-बोर्ड के लिए यह बड़ा बदलाव
जनवरी 2026 में प्रस्तावित प्री-बोर्ड परीक्षा में यह बदलाव लागू होगा, और यह छात्रों के लिए एक बड़ा अवसर होगा। यूपी बोर्ड का यह निर्णय छात्रों के लिए फायदेमंद साबित होगा क्योंकि अब वे वास्तविक प्रश्नपत्रों को हल करने का अभ्यास कर सकेंगे, जो उनकी परीक्षा की तैयारी को मजबूत करेगा। इसके अलावा, यह पहल यूपी बोर्ड की पारदर्शिता और सटीकता को भी दर्शाती है, क्योंकि छात्रों को पहले से ही परीक्षा जैसा अनुभव मिलने से उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
प्री-बोर्ड प्रश्नपत्रों का पुनः उपयोग
इस निर्णय से न केवल प्रश्नपत्रों का सही उपयोग होगा, बल्कि छात्रों को बेहतर तरीके से परीक्षा की तैयारी करने का मौका मिलेगा। यूपी बोर्ड का यह कदम शिक्षा प्रणाली को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकता है।