You are currently viewing क्या नीतीश कुमार के खिलाफ है एंटी इनकंबेंसी की लहर? जदयू नेता ने दिया जवाब

क्या नीतीश कुमार के खिलाफ है एंटी इनकंबेंसी की लहर? जदयू नेता ने दिया जवाब


बिहार की राजनीति में एक बार फिर चुनावी सरगर्मी बढ़ रही है। इस बार चर्चा का मुख्य विषय है कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ राज्य में एंटी इनकंबेंसी यानी सरकार विरोधी लहर बन रही है। इस सवाल पर जनता दल यूनाइटेड (JDU) के वरिष्ठ नेता और मंत्री विजय कुमार चौधरी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

चौधरी ने साफ किया है कि नीतीश कुमार के खिलाफ कोई एंटी इनकंबेंसी की भावना नहीं है। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य की जनता ने लगातार प्रगति और विकास को महसूस किया है, और यही वजह है कि लोगों का भरोसा आज भी उनके प्रति मजबूत बना हुआ है।

जनता का बढ़ता विश्वास और विकास का एजेंडा
विजय कुमार चौधरी का कहना है कि नीतीश कुमार ने पिछले दो दशकों में बिहार को जिस तरह से बदला है, वह अपने आप में एक मिसाल है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, महिला सशक्तिकरण और कानून व्यवस्था के क्षेत्र में कई बड़े और ऐतिहासिक फैसले लिए हैं, जिनका सीधा लाभ आम जनता को मिला है।

उन्होंने यह भी कहा कि जनता यह समझती है कि बिहार का विकास नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही संभव हुआ है और इसी कारण लोग एक बार फिर से उन्हें मौका देने के मूड में हैं। चौधरी ने दावा किया कि यह विश्वास केवल शहरी इलाकों तक सीमित नहीं है, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी नीतीश कुमार की लोकप्रियता बनी हुई है।

विकसित बिहार का सपना और साझा प्रयास की अपील
विजय कुमार चौधरी ने यह भी कहा कि आने वाले चुनाव सिर्फ एक व्यक्ति या पार्टी के नहीं हैं, बल्कि यह पूरे बिहार के भविष्य से जुड़े हुए हैं। उन्होंने जनता, पार्टी कार्यकर्ताओं और सहयोगी दलों से अपील की कि वे एकजुट होकर ‘विकसित बिहार’ के सपने को साकार करने में जुट जाएं।

उनके अनुसार नीतीश कुमार का सपना है कि बिहार को सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से इतना मजबूत बनाया जाए कि वह देश के अग्रणी राज्यों की कतार में खड़ा हो सके। इसके लिए जरूरी है कि राजनीतिक स्थिरता बनी रहे और विकास का काम निरंतर जारी रहे।

विकास मॉडल में भरोसा
जदयू नेता विजय कुमार चौधरी के बयान से यह साफ झलकता है कि पार्टी नेतृत्व को नीतीश कुमार के खिलाफ किसी तरह की विरोधी लहर की आशंका नहीं है। इसके उलट, वे मानते हैं कि जनता अब भी उनके विकास मॉडल में भरोसा रखती है और चुनाव में उन्हें इसका लाभ मिलेगा।

Spread the love

Leave a Reply