Rahul Gandhi Poonch Visit : जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिले पुंछ और आस-पास के क्षेत्रों में पाकिस्तान की ओर से हुई हालिया गोलीबारी और आतंकवादी हमले के बाद हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। इन परिस्थितियों में लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने पुंछ का दौरा किया। वहां उन्होंने प्रभावित नागरिकों से मिलकर उनका दर्द और संघर्ष करीब से देखा, जिससे वे बेहद भावुक हो गए।पुंछ यात्रा के बाद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने सीमावर्ती इलाकों के लोगों की स्थिति का ब्योरा देते हुए केंद्र सरकार से त्वरित सहायता की अपील की।
पाकिस्तान की गोलीबारी से मची भारी तबाही
राहुल गांधी ने पत्र में लिखा कि पुंछ और आसपास के क्षेत्रों में पाकिस्तान की सेना द्वारा की गई अंधाधुंध गोलीबारी के कारण आम लोगों को भीषण नुकसान झेलना पड़ा है। इस हमले में चार बच्चों सहित 14 लोगों की जान चली गई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।उन्होंने यह भी बताया कि इस हमले में सैकड़ों घर, दुकानें, स्कूल और धार्मिक स्थल पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। प्रभावित नागरिकों ने उन्हें बताया कि उन्होंने वर्षों की मेहनत से जो कुछ भी बनाया था, वह सब कुछ एक ही पल में तबाह हो गया।
राहुल गांधी की केंद्र सरकार से अपील
अपने पत्र में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से अपील की कि इस गंभीर मानवीय संकट को देखते हुए केंद्र सरकार एक ठोस और उदार राहत एवं पुनर्वास पैकेज तैयार करे। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह समय राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर देश के नागरिकों के साथ खड़े होने का है।उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग देश की सुरक्षा में एक अहम भूमिका निभाते हैं और उनकी सुरक्षा तथा पुनर्निर्माण सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।
भावुक चिट्ठी में छिपा है बड़ा संदेश
राहुल गांधी की यह चिट्ठी केवल एक औपचारिक अनुरोध नहीं, बल्कि एक संवेदनशील नेता की ओर से भावनात्मक अपील है, जो देश के हर नागरिक की सुरक्षा और सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है। इस पत्र में एक ओर जहां सीमा पर बसे नागरिकों की पीड़ा को उजागर किया गया है, वहीं दूसरी ओर सरकार से त्वरित और मानवीय प्रतिक्रिया की मांग भी की गई है।
संवेदनशील मुद्दे पर गंभीर सियासी अपील
राहुल गांधी का पुंछ दौरा और उसके बाद प्रधानमंत्री को लिखी गई चिट्ठी यह दर्शाती है कि देश के सीमावर्ती इलाकों में हालात कितने भयावह हैं। इस अपील के जरिए उन्होंने सरकार से न केवल राहत की मांग की, बल्कि यह भी संदेश दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आम नागरिकों की भलाई किसी भी राजनीतिक एजेंडे से ऊपर है। अब देखना होगा कि सरकार इस संवेदनशील मुद्दे पर क्या कदम उठाती है।