Bengaluru stampede accident: बेंगलुरु के प्रतिष्ठित एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की जीत का जश्न अचानक एक बड़े हादसे में तब्दील हो गया। टीम की ऐतिहासिक जीत पर आयोजित जश्न के दौरान भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में अब तक सात लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई अन्य घायल हो गए हैं। घायलों को तत्काल स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने जताया दुख
इस दर्दनाक हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा, “हमें इतनी भारी भीड़ की उम्मीद नहीं थी। आरसीबी की जीत के बाद लोगों में भारी उत्साह था, लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि ये जश्न ऐसी त्रासदी में बदल जाएगा।”
विजय परेड की नहीं दी गई थी अनुमति
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि प्रशासन ने पहले से ही स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विजय परेड की अनुमति नहीं दी थी। उन्होंने कहा कि भीड़ के अत्यधिक इकट्ठा होने और सुरक्षा व्यवस्था की सीमाओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया था। इसके बावजूद, हजारों की संख्या में लोग स्टेडियम के बाहर जमा हो गए, जिससे हालात बेकाबू हो गए और भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई।
मृतकों के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने यह भी घोषणा की कि हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही घायलों को बेहतर इलाज और हरसंभव मदद मुहैया करवाई जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को तत्काल जांच के आदेश दिए हैं और जिम्मेदारों की पहचान कर आवश्यक कार्रवाई का भरोसा दिया है।
सुरक्षा इंतजामों पर उठे सवाल
इस हादसे के बाद प्रशासन और पुलिस की तैयारियों पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। यह चर्चा का विषय बन गया है कि जब विजय परेड की अनुमति नहीं दी गई थी, तो इतनी बड़ी संख्या में लोगों को स्टेडियम के आसपास एकत्र होने की अनुमति कैसे दी गई? साथ ही, ऐसी किसी संभावित स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किए गए?
आरसीबी की जीत का जश्न बना मातम
बेंगलुरु का यह हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि सार्वजनिक आयोजनों में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा के लिए सख्त उपाय कितने जरूरी हैं। आरसीबी की जीत का यह जश्न कुछ परिवारों के लिए कभी न भूलने वाला दुख बन गया। सरकार की ओर से राहत और मुआवजे की घोषणाएं हुई हैं, लेकिन सबसे जरूरी है कि भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।