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केदारनाथ जा रहे हेलीकॉप्टर की हाईवे पर आपात लैंडिंग.. पायलट की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा

Helicopter Emergency Landing:उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां केदारनाथ यात्रा पर जा रहे एक हेलीकॉप्टर की तकनीकी खराबी के चलते बीच हाईवे पर आपातकालीन लैंडिंग करानी पड़ी। यह हादसा फाटा-बड़ासू मार्ग पर हुआ, जहां हेलीकॉप्टर को मजबूरी में सड़क पर उतारना पड़ा। हालांकि, पायलट की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया और सभी यात्री सुरक्षित रहे। लैंडिंग के दौरान एक वाहन को नुकसान जरूर हुआ, लेकिन किसी तरह की जनहानि की खबर नहीं है।

तकनीकी खराबी बनी आपात लैंडिंग की वजह

यह हेलीकॉप्टर क्रेस्टेल एविएशन प्राइवेट लिमिटेड का था, जो यात्रियों को लेकर सिरसी हेलीपैड से उड़ान भर रहा था। उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद पायलट को तकनीकी गड़बड़ी का आभास हुआ, जिसके बाद एहतियातन उसने हेलीकॉप्टर को निकटतम सुरक्षित स्थान — हाईवे पर — लैंड करा दिया।UCADA (उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने इस पूरी घटना की जानकारी DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) को दी है। हादसे की जांच अब नियमानुसार की जाएगी।

हेलीकॉप्टर में कुल सात लोग थे सवार

हेलीकॉप्टर में कुल सात लोग सवार थे, जिनमें एक पायलट, एक को-पायलट और पांच श्रद्धालु शामिल थे। सभी यात्री केदारनाथ धाम दर्शन के लिए जा रहे थे। सूचना के अनुसार, लैंडिंग के दौरान को-पायलट को मामूली चोटें आई हैं, जबकि अन्य सभी पूरी तरह सुरक्षित हैं। लैंडिंग के तुरंत बाद पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई और सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया।

पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे

यह पहली बार नहीं है जब केदारनाथ यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर से जुड़ी कोई आपात स्थिति सामने आई हो। मई 2025 में भी एक हेलीकॉप्टर हादसा हुआ था, जब ऋषिकेश एम्स से आ रही एक हेली एंबुलेंस लैंडिंग के समय दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इसके अलावा, 8 मई को गंगोत्री धाम जा रहा एक हेलीकॉप्टर तकनीकी खराबी के चलते गंगनानी के पास क्रैश हो गया था, जिसमें 6 लोगों की जान चली गई थी।

स्थानीय प्रशासन की तत्परता ने रोका संकट

इस बार हादसा टल गया, जिसका श्रेय पायलट की सूझबूझ के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया को भी जाता है। हेलीकॉप्टर में सवार यात्रियों की समय पर सुरक्षा सुनिश्चित की गई और घटना स्थल पर सुरक्षा इंतजाम भी बढ़ा दिए गए हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अन्य सभी शटल ऑपरेशंस पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सामान्य रूप से संचालित हो रहे हैं।इस घटना ने एक बार फिर पहाड़ी क्षेत्रों में हवाई यात्रा के दौरान तकनीकी सतर्कता और आपात तैयारियों की अहमियत को उजागर कर दिया है। यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहे, इसके लिए एयर ऑपरेटर्स को और अधिक सख्त नियमों का पालन सुनिश्चित करना होगा।

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