Shashi Tharoor Slams Pak:कांग्रेस नेता और वरिष्ठ सांसद शशि थरूर ने एक बार फिर पाकिस्तान के दोहरे रवैये पर जमकर हमला बोला है। थरूर ने अमेरिकी सांसद ब्रैड शर्मन के उस बयान का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने डॉ. शकील अफरीदी को रिहा करने की मांग की थी। डॉ. अफरीदी वही व्यक्ति हैं जिन्होंने अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को ढूंढने में अमेरिका की सहायता की थी। थरूर ने साफ कहा कि “पाकिस्तान में आतंकियों को इनाम मिलता है और जो सच्चाई के साथ खड़े होते हैं, उन्हें सजा दी जाती है।”
अमेरिकी सांसद के बयान का शशि थरूर ने किया समर्थन
शशि थरूर ने अमेरिकी सांसद ब्रैड शर्मन की सोशल मीडिया पोस्ट का समर्थन करते हुए पाकिस्तान की आलोचना की। ब्रैड शर्मन ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा था,”मैंने पाकिस्तान डेलिगेशन से कहा कि वे अपनी सरकार से डॉ. शकील अफरीदी को रिहा करने की मांग करें, जो ओसामा बिन लादेन को पकड़वाने में अमेरिका की मदद के कारण जेल में हैं। यह रिहाई 9/11 के पीड़ितों के लिए इंसाफ की दिशा में एक अहम कदम होगी।”थरूर ने इसी पोस्ट को साझा करते हुए लिखा कि पाकिस्तान का यह रवैया दुनिया को यह संदेश देता है कि वहां आतंकियों को सुरक्षा और समर्थन मिलता है, जबकि सच्चाई की राह पर चलने वाले लोगों को प्रताड़ित किया जाता है।
आतंक के खिलाफ मदद की सजा
डॉ. शकील अफरीदी पाकिस्तानी नागरिक हैं जिन्होंने सीआईए को ओसामा बिन लादेन के ठिकाने की पहचान करने में मदद की थी। यह वही अभियान था जिसमें अमेरिका ने पाकिस्तान के ऐबटाबाद में छिपे बिन लादेन को मार गिराया था। इस खुलासे के बाद पाकिस्तान सरकार ने डॉ. अफरीदी को गिरफ्तार कर लिया और उन पर देशद्रोह के आरोप लगाए।थरूर ने इस पूरे प्रकरण को लेकर पाकिस्तान पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह मामला आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में योगदान देने वालों के साथ कैसा व्यवहार होता है, इसका एक क्रूर उदाहरण है। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस तरह के मामलों में चुप नहीं बैठना चाहिए।
पाकिस्तान की दोहरी नीति पर करारा प्रहार
शशि थरूर ने यह भी संकेत दिया कि पाकिस्तान की मौजूदा सरकार, खासतौर पर शहबाज शरीफ की अगुआई में, आतंक के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में ईमानदार नहीं है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि “जहां एक तरफ आतंकियों को शरण और समर्थन दिया जा रहा है, वहीं ऐसे लोग जो दुनिया को सुरक्षित बनाने में योगदान दे रहे हैं, उन्हें जेल में डाला जा रहा है।”
सच्चाई के लिए आवाज उठाना जरूरी
शशि थरूर का यह बयान न केवल पाकिस्तान की नीतियों की आलोचना है बल्कि यह एक संदेश भी है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई केवल हथियारों से नहीं, बल्कि सच्चाई और न्याय के समर्थन से लड़ी जाती है। डॉ. शकील अफरीदी जैसे लोगों की रिहाई की मांग सिर्फ एक व्यक्ति की स्वतंत्रता का सवाल नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय न्याय और नैतिकता का मुद्दा है।