प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में उस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की, जो हाल ही में कई देशों के दौरे पर गया था। इस प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य भारत के खिलाफ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उजागर करना और वैश्विक समुदाय को इस विषय पर जागरूक करना था। ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारत ने आतंक के खिलाफ जिस सख्त रुख को अपनाया, उसे दुनिया के सामने मजबूती से पेश करने में इस प्रतिनिधिमंडल की अहम भूमिका रही।
वैश्विक समुदाय को बताया पाक का असली चेहरा
प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने विदेश दौरों की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि कैसे उन्होंने विभिन्न देशों की सरकारों, नीति-निर्माताओं, मीडिया प्रतिनिधियों और थिंक टैंकों से मुलाकात की। इन मुलाकातों में प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने के साक्ष्य प्रस्तुत किए और यह बताया कि किस तरह भारत में होने वाली आतंकी घटनाओं के पीछे पाकिस्तानी संगठनों का हाथ है।
पीएम मोदी ने सराहा प्रतिनिधिमंडल का प्रयास
प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल के प्रयासों की सराहना की और कहा कि वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर बेनकाब करना बेहद आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब केवल पीड़ित देश की भूमिका में नहीं रहेगा, बल्कि आतंक के स्रोतों की पहचान कर उनके खिलाफ निर्णायक कदम उठाएगा।
प्रधानमंत्री ने यह भी ज़ोर दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग को और सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से प्राप्त फीडबैक के आधार पर आगामी कूटनीतिक रणनीति को और प्रभावी बनाने पर बल दिया।
विपक्ष और सत्तापक्ष का एकजुट संदेश
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में सत्तारूढ़ दल के साथ-साथ प्रमुख विपक्षी नेताओं की भी भागीदारी रही। इससे यह स्पष्ट संदेश गया कि आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दों पर भारत की राजनीतिक एकता अडिग है। विभिन्न विचारधाराओं से आने वाले नेताओं ने एक स्वर में अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की आवाज़ बुलंद की और पाकिस्तान को आतंक के मुद्दे पर घेरा।
आगे की रणनीति पर विचार
प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई इस बैठक में आगे की रणनीतियों पर भी चर्चा हुई। यह तय किया गया कि आतंकवाद के खिलाफ इस वैश्विक अभियान को और अधिक मजबूत किया जाएगा। भारत अब केवल कूटनीतिक स्तर पर ही नहीं, बल्कि साइबर, सुरक्षा और सूचना युद्ध के स्तर पर भी सक्रिय भूमिका निभाएगा।
विदेश से लौटे प्रतिनिधिमंडल ने पीएम को दी जानकारी
इस मुलाकात ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ किसी भी स्तर पर नरमी नहीं बरतेगा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश एक निर्णायक नीति के तहत आगे बढ़ रहा है, जहां विश्व स्तर पर आतंक के खिलाफ आवाज़ बुलंद करना सर्वोच्च प्राथमिकता बन गई है।