Ahmedabad Plane Crash:अहमदाबाद में बीते गुरुवार को हुए भीषण विमान हादसे ने राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के एक पूरे परिवार को गम में डुबो दिया। इस हादसे में एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई। मृतकों में पति-पत्नी के साथ उनके तीन छोटे-छोटे बच्चे शामिल थे। मृतकों की पहचान डॉ. कौमी व्यास (33 वर्ष), प्रतीक जोशी (36 वर्ष), प्रध्युत जोशी (10 वर्ष), नकुल जोशी (4 वर्ष) और मिराया जोशी (4 वर्ष) के रूप में हुई है।यह पूरा परिवार मूल रूप से बांसवाड़ा का निवासी था और स्थायी रूप से लंदन बसने की तैयारी में था। डॉ. कौमी व्यास पेसिफिक अस्पताल में कार्यरत थीं, जबकि उनके पति डॉ. प्रतीक जोशी पहले से लंदन में चिकित्सक के रूप में सेवाएं दे रहे थे। कौमी ने हाल ही में अपनी नौकरी से इस्तीफा देकर अपने बच्चों के साथ लंदन जाने का निर्णय लिया था, लेकिन यह सपना उनके लिए कभी पूरा नहीं हो सका।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जताया गहरा शोक
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस हृदयविदारक घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने हादसे की जानकारी मिलने पर परिजनों से संपर्क कर उन्हें सांत्वना दी और कहा कि राज्य सरकार शोक संतप्त परिवार के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने इस हादसे को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया और दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की।
जिला प्रशासन ने परिजनों से की मुलाकात
जैसे ही हादसे की खबर बांसवाड़ा पहुंची, जिला प्रशासन सक्रिय हो गया। बांसवाड़ा के जिला कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत सिंह यादव ने शोकाकुल परिजनों से भेंट कर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने बताया कि “डॉक्टर दंपति अपने तीन बच्चों के साथ लंदन जाने के लिए सफर कर रहे थे। पति पहले से लंदन में कार्यरत थे, और पत्नी भी नौकरी छोड़कर परिवार सहित वहां स्थानांतरित हो रही थीं।”
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी जताया दुख
विमान हादसे को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, “अहमदाबाद में हुए विमान हादसे से पूरा देश स्तब्ध है। इस कठिन समय में हम सभी मृतकों के परिवारजनों के साथ हैं। भगवान से प्रार्थना है कि घायल शीघ्र स्वस्थ हों।”
देशभर में शोक की लहर
इस हादसे की खबर से न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश में शोक की लहर फैल गई है। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने शोक संदेश साझा किए हैं और परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं। यह घटना एक बार फिर से याद दिलाती है कि जीवन कितना अनिश्चित और क्षणभंगुर है।