Voter ID Card New Rule:भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने मतदाताओं को उनकी सहूलियत बढ़ाने के लिए एक नई मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) शुरू की है। इसके तहत मतदाता सूची में किए गए किसी भी नए नामांकन या मौजूदा मतदाता के विवरण में बदलाव के बाद अब 15 दिनों के अंदर ही मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) की डिलीवरी सुनिश्चित की जाएगी। यह कदम मतदाताओं को तेजी से और बेहतर चुनावी सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया गया है।
त्वरित डिलीवरी के लिए पूरी प्रक्रिया पर नजर
चुनाव आयोग की इस नई व्यवस्था में प्रत्येक चरण की वास्तविक समय पर ट्रैकिंग संभव होगी। निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) से लेकर डाक विभाग (डीओपी) तक ईपीआईसी के निर्माण और डिलीवरी के पूरे कामकाज की निगरानी की जाएगी। मतदाताओं को हर चरण में एसएमएस के माध्यम से सूचनाएं भी भेजी जाएंगी, ताकि वे अपने ईपीआईसी की स्थिति के बारे में लगातार अपडेट रह सकें।
आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल — ईसीआईनेट प्लेटफ़ॉर्म
इस पूरी प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए आयोग ने अपने हाल ही में लॉन्च किए गए ईसीआईनेट प्लेटफ़ॉर्म पर एक समर्पित आईटी मॉड्यूल विकसित किया है। यह नया मॉड्यूल मौजूदा प्रणालियों का पुनः निर्माण कर वर्कफ़्लो को अधिक कुशल बनाएगा। साथ ही डाक विभाग के एप्लीकेशन प्रोग्राम इंटरफ़ेस (एपीआई) को भी ईसीआईनेट के साथ जोड़कर ईपीआईसी की निर्बाध डिलीवरी सुनिश्चित की जाएगी।
सुरक्षा और सुविधा दोनों का ध्यान
इस पहल में न केवल सेवा की गुणवत्ता बढ़ाई गई है, बल्कि डेटा सुरक्षा को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि मतदाताओं की जानकारी की गोपनीयता बनी रहे, इसके लिए आधुनिक सुरक्षा तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। इससे मतदाताओं को न केवल शीघ्र, बल्कि सुरक्षित रूप से भी पहचान पत्र प्राप्त होंगे।
चुनाव आयोग के अधिकारियों की भागीदारी
यह नई पहल मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार, और निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू तथा डॉ. विवेक जोशी के सहयोग से शुरू की गई है। यह पूरी प्रक्रिया आयोग की उन प्रयासों का हिस्सा है, जो मतदाताओं को बेहतर और समयोचित चुनावी सुविधाएं प्रदान करने के लिए लगातार जारी हैं।
पिछले कुछ महीनों में उठाए गए अन्य कदम
चुनाव आयोग ने पिछले चार महीनों में मतदाताओं और अन्य हितधारकों के लिए कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। इनमें मतदाता सेवा केंद्रों का आधुनिकीकरण, ऑनलाइन पंजीकरण और शिकायत निवारण प्रणाली का सशक्तिकरण शामिल है। नए ईपीआईसी वितरण प्रणाली को इसी श्रंखला में एक और महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।