Bangladesh: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा की तस्वीरें, खबरें, और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहे हैं। इसी बीच, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की ओर से यह दावा किया गया है कि देश में किसी के खिलाफ कोई सांप्रदायिक हिंसा नहीं हो रही है। बीएनपी के महासचिव मिर्जा इस्लाम आलमगीर ने भारतीय मीडिया को आमंत्रित करते हुए कहा है कि वे खुद ढाका आकर सच्चाई का पता लगाएं और देखें कि बांग्लादेश में क्या स्थिति है।
बीएनपी का आरोप: ‘मीडिया कर रहा है गलत प्रचार’
मिर्जा इस्लाम आलमगीर ने मीडिया पर आरोप लगाया कि वे गलतफहमी फैला रहे हैं और दुर्भाग्यपूर्ण प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मीडिया यह प्रचार कर रहा है कि बांग्लादेश में सांप्रदायिक अत्याचार हो रहे हैं, जबकि यह बिल्कुल भी सच नहीं है। यह मामला सांप्रदायिक या धार्मिक नहीं है, बल्कि पूरी तरह से राजनीतिक है। कुछ लोग गलत ढंग से बांग्लादेश के लोगों पर सांप्रदायिक समस्याएं पैदा करने का आरोप लगा रहे हैं। बांग्लादेशी सरकार और लोग इन मामलों में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं, वे पूरी तरह से सुरक्षित हैं।”
अंतरिम सरकार के खिलाफ राजनीतिक साजिश का आरोप
बीएनपी महासचिव ने आगे कहा कि यह सब अंतरिम सरकार और बांग्लादेशी लोगों के खिलाफ चल रही एक राजनीतिक साजिश है। उन्होंने कहा, “शेख हसीना की सरकार को लोग नहीं चाहते क्योंकि पिछले कुछ सालों में कई लोगों की हत्या उनके शासन के दौरान हुई है और संविधान को भी नष्ट कर दिया गया है।” उनका दावा है कि यह स्थिति इसलिए उत्पन्न की जा रही है ताकि अंतरिम सरकार को अस्थिर किया जा सके।
अल्पसंख्यकों पर हिंसा की रिपोर्ट और विरोध प्रदर्शन
दूसरी ओर, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को लेकर पिछले कुछ दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से ढाका में, बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। यह विरोध प्रदर्शन न केवल बांग्लादेश के भीतर बल्कि विदेशों में भी हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार भी इस मामले पर पैनी नजर रखे हुए है। हिंसा और हिंदू मंदिरों पर हमलों के विरोध में हिंदू संगठनों ने देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन किए हैं।
बांग्लादेश में वर्तमान स्थिति को लेकर बीएनपी और मीडिया के बीच विवाद जारी है। जहां बीएनपी इस मुद्दे को राजनीतिक साजिश के रूप में देख रही है, वहीं हिंसा की खबरों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। इस समय आवश्यकता है कि सभी पक्ष संयम बरतें और वास्तविकता को सामने लाने के लिए सही तथ्यों का खुलासा करें।